इराक में शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अली सिस्तानी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे इस युद्ध को समाप्त करने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम का शांतिपूर्ण समाधान खोजने की कोशिश करें.न्यूज एजेंसी एफपी की रिपोर्ट के मुताबिक अयातुल्ला अली सिस्तानी ने गुरुवार (19) को खामेनेई की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर सर्वोच्च धार्मिक और राजनीतिक नेतृत्व को निशाना बनाया गया तो इसके भयंकर परिणाम होंगे.
उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएगी और सभी के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वे इस युद्ध को समाप्त करने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए हर संभव कोशिश करें.
***अली सिस्तानी के दुनिया भर में हैं फॉलोअर्स
अल-सिस्तानी को शिया मुसलमानों में सर्वोच्च धार्मिक नेताओं में से एक माना जाता है. दुनिया भर में फॉलोअर्स हैं और भारत के अधिकतर शिया उन्हें ही अपना मरजा (मरजा उस शख्स को कहा जाता है, जिनकी व्याख्या का मानना या अनुकरण करना शिया मुसलमान के लिए जरूरी होता है.) मानते हैं. वह सार्वजनिक रूप से बहुत कम दिखाई देते हैं. उन्होंने 20214 में आईएसआईएस के खिलाफ इराकियों से अपने देश की रक्षा के लिए एकजुट होने और बचाव करने का आग्रह किया था.
इराक में सद्दाम हुसैन की सरकार के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं थे. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें लंबे समय तक नजरबंद रहना पड़ा, लेकिन वे राजनीति से दूर ही रहे. साल 2003 में उन्होंने अमरीका की पहल पर की पहल पर इराकी गवर्नमेंट काउंसिल बनाए जाने की योजना को ठुकरा दिया था.
***ईरान ने अमेरिका को दे डाली चेतावनी
इराक के शीर्ष शिया धर्मगुरु का बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप ने कहा कि उन्हें पता तो है कि खामेनेई कहां छिपे हैं, लेकिन अभी अमेरिका उनपर हमला नहीं करेगा. ट्रंप को जवाब देते हुए खामेनेई ने कहा कि अगर इजरायल के साथ युद्ध में अमेरिका अपनी सेना भेजता है तो उसे ऐसा नुकसान पहुंचाएंगे कि वो सोच भी नहीं सकता है.आभार : इन्डिया टीवी