Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home विचार

हिंदू तुष्टिकरण और भारतीय राजनीति के हिंदूकरण का दौर

RK News by RK News
December 20, 2021
Reading Time: 1 min read
0
हिंदू तुष्टिकरण और भारतीय राजनीति के हिंदूकरण का दौर

✍🏻लेख : मुकेश कुमार

RELATED POSTS

अहमदाबाद: एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो कर, दो टुकड़ों में टूटा,242 यात्रियों में53 ब्रिटिश,

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

गजा और शान्ति:अमेरिका की दोहरी नीति, दोहरा चरित्र

काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मेगा शो और राहुल गाँधी का यह कहना कि भारत में हिंदुओं का राज होना चाहिए, मौजूदा भारत की राजनीति को समझने के लिए काफी है। वैसे तो लगातार ऐसे प्रमाण मिल रहे थे कि हमारी राजनीति कौन सी दिशा अख़्तियार कर रही है, मगर ये दो प्रकरण तो जैसे हमारी आँखों में उँगली डालकर बता रहे हैं कि अगर कहीं कोई शक़ बाक़ी हो तो दूर कर लो।

ये दो प्रकरण हमें बता रहे हैं कि धीरे-धीरे हिंदू तुष्टिकरण अब अपने चरम पर पहुँचने लगा है। हालाँकि इसकी शुरुआत बहुत पहले हो चुकी थी। अगर हम आज़ादी के पहले न भी जाना चाहें तो उसके बाद संविधान के निर्माण की प्रक्रिया में दिखा और फिर बाद की राजनीति में अपना प्रभाव बढ़ाता रहा।

यह और बात है कि हिंदुत्ववादियों की ओर से मचाए गए मुसलिम तुष्टिकरण के शोर में वह दबता चला गया। बाबरी मसजिद में मूर्तियों के रखे जाने और उसे न हटाने या हिंदू कोड बिल के मामले में समझौते में इसे देखा जा सकता है। नेहरू के बाद तो ये फिसलन तेज़ होती चली गई। 1980 में इंदिरा गाँधी की सत्ता में वापसी के बाद हिंदू तुष्टिकरण ने एक नई करवट ली। राजीव गाँधी ने शाह बानो मामले में समर्पण के बाद अतिवादी हिंदुओं को खुश करने के लिए जो किया और फिर नरसिंह राव ने जिस तरह से बाबरी मसजिद को ढह जाने दिया, वह सब हिंदू तुष्टिकरण की राजनीति का ही नतीजा था। बीजेपी तो जनसंघ और अतिवादी हिंदू, हिंदू महासभा के ज़माने से यही कर रहे थे। उनका एक सूत्री एजेंडा ही हिंदुओं में असुरक्षा का भाव जगाकर, उन्हें पीड़ित बताकर उनकी भावनाओं के तुष्टिकरण की रणनीति पर काम करना था और ये सिलसिला अब बहुत आगे पहुँच चुका है।

मोदी का काशी शो हो या अयोध्या में मुख्यमंत्रियों का पत्नियों समेत रुद्राभिषेक, सारा खेल हिंदू जनमानस की तथाकथित आहत भावनाओं पर लेप लगाने और उनमें एक झूठा गर्व पैदा करके तुष्टिकरण करना है।

इससे हिंदू समाज का कोई भला नहीं होने जा रहा है। उनकी सामाजिक-आर्थिक तरक्की में कोई इज़ाफ़ा नहीं होने जा रहा, मगर एक बड़ा वर्ग, ख़ास तौर पर सवर्णों का, इससे तुष्ट हो रहा है। ये ठीक वैसे ही है जैसे मुसलमानों की ऊँची जातियों और मुल्लों की तुष्टि हो रही थी, मगर मुसलिम समाज दरिद्र का दरिद्र रहा, बल्कि और भी बुरे हालात में पहुँच गया। मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के सरकारी आँकड़े ही इसकी गवाही देते हैं। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट इस मायने में आँख खोलने वाली थी। मुसलमानों के हितैषी बनने वाले राजनीतिक दलों ने भी उनके लिए सिवाय गाल बजाने के कुछ नहीं किया। लेकिन संघ परिवार का तो यह घोषित एजेंडा रहा है। उसके बारे में किसी को कोई शक़ कभी नहीं था। ये भी सभी को पता था कि वह सत्ता में आने के बाद क्या करेगा। केंद्रीय सत्ता में पूरी पकड़ के साथ तो वह 2014 में आया मगर इसके पहले जहाँ कहीं भी वह राज्यों में सरकार बनाने में कामयाब हुआ उसने हिंदू तुष्टिकरण और मुसलमानों के उत्पीड़न का काम ही किया।
ध्यान रहे अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हिंदू तुष्टिकरण का अभिन्न हिस्सा है। गुजरात का हिंदुत्व मॉडल दरअसल हिंदू तुष्टिकरण का मॉडल ही है। वही हर जगह आज़माया जा रहा है। केंद्र में भी और राज्यों में भी। इस हिंदू तुष्टिकरण के अल्पसंख्यक ही एकमात्र दुश्मन नहीं हैं, बल्कि वे भी हैं जो अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों के हितों और हक़ों की बात करते हैं। ज़ाहिर है कि इसीलिए उन्हें भी दंडित किया जा रहा है।

लेकिन यह हिंदू तुष्टिकरण अब भारतीय राजनीति के केंद्र में है और उसका हिंदूकरण कर रहा है। मोदी-योगी के सारे करतब-कारनामे राजनीति को पूरी तरह से हिंदूमय कर देने का है।

यहाँ हिंदूमय से अर्थ राजनीति के हिंदू सांप्रदायिकता से सराबोर कर देने से है। उनके इस अभियान में बहुत सी चीज़ें प्रतीकों में हो रही हैं, तो बहुत सी खुल्लमखुल्ला। अयोध्या में मंदिर निर्माण, सात लाख दिए जलाना, गंगा आरती, देव दीपावली वगैरा-वगैरा सब उसी का हिस्सा हैं। दुर्भाग्य ये है कि दूसरी पार्टियाँ भी जाने-अनजाने यही कर रही हैं। अरविंद केजरीवाल से लेकर ममता बनर्जी और राहुल-प्रियंका तक हिंदू तुष्टिकरण के ज़रिए राजनीति के हिंदूकरण में योगदान दे रहे हैं।

अभी इस तर्क को परे रख दीजिए कि नरम हिंदूवाद कांग्रेस की ज़रूरत है या विवशता, मगर राहुल गाँधी का बयान वास्तव में बहुसंख्यकवादी दबाव के सामने समर्पण है। हो सकता है कि इसमें एक वैचारिक स्पष्टता और रणनीति दिखती हो, जिसमें बीजेपी के हिंदुत्ववाद के सामने हिंदुओं को जागृत और खड़े होने का आह्वान शामिल है। मगर वास्तव में उससे हिंदू होने की होड़ उसे मज़बूत करने का काम ही करेगी। मैं हिंदू हूँ और देश में हिंदुओं का राज होना चाहिए का विमर्श अंतत संघ परिवार का ही मूल विचार है और राहुल गाँधी उसे पुष्ट कर रहे हैं। हम लोकतंत्र में हैं और हमारा संविधान इसकी इजाज़त नहीं देता कि किसी धर्म विशेष को मानने वालों के हाथों में देश की बागडोर हो, मगर राहुल और उसके सिपहसालार इसकी वकालत कर रहे हैं। राहुल के हिंदूवाद का दूसरा पहलू भी देखिए। अब वे और उनकी पार्टी मुसलमानों का नाम लेने से ही कतराने लगी हैं। उन्हें ये डर सताता रहता है कि कहीं मुसलिम तुष्टिकरण का आरोप लगाकर बीजेपी राजनीतिक लाभ न ले ले। ये हिंदू वोटबैंक का आतंक है, जिससे वह ग्रस्त हो गए हैं और वे राजनीति के हिंदूकरण का एक अपना संस्करण लेकर आ गए हैं। ये कितना का कारगर होगा ये तो वक़्त बताएगा लेकिन फिलहाल ये उनकी कमज़ोरी ज़ाहिर करता है और बीजेपी के हौसलों को बढ़ाता भी है।

लेकिन राहुल अकेले नहीं हैं जो राजनीति के हिंदूकरण की इस वैचारिकी को विकसित कर रहे हैं। वे सभी दल जो बीजेपी के हिंदुत्व से घबराए हुए हैं, उसके दबाव में आकर हनुमान चालीसा और चंडी पाठ कर रहे हैं, इसमें शामिल हैं। शायद उन्हें लगता हो कि यह एक फौरी रणनीति है और बीजेपी को परास्त करके वे वापस पहले वाली धर्मनिरपेक्षता पर लौट आएंगे। लेकिन ऐसा होना मुश्किल होता जाएगा।
ये हिंदू तुष्टिकरण और हिंदूकरण एक क़िस्म का जाल है, जो उन्हें कभी आज़ाद नहीं होने देगा। ये तभी संभव है जब बीजेपी और संघ की शक्ति पूरी तरह क्षीण हो जाए, उसकी राजनीति का पूरी तरह से पर्दाफ़ाश हो जाए, लेकिन निकट भविष्य में ऐसा होता नहीं दिख रहा। बल्कि लग तो यह रहा है कि भारतीय राजनीति का ये हिंदूकरण धर्म-राज्य या हिंदू राष्ट्र के निर्माण की ओर बढ़ रहा है।

साभार : सत्य हिंदी

Tags: Narendra ModiRahul Gandhi
ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

विचार

अहमदाबाद: एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो कर, दो टुकड़ों में टूटा,242 यात्रियों में53 ब्रिटिश,

June 12, 2025
विचार

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

May 15, 2025
विचार

गजा और शान्ति:अमेरिका की दोहरी नीति, दोहरा चरित्र

May 12, 2025
विचार

ईस्ट इंडिया कंपनी भले खत्म हो गई, उसका डर फिर से दिखने लगा!

November 6, 2024
विचार

इस्लामोफोबिया से मुकाबला बहुत पहले शुरू हो जाना था:–राम पुनियानी

September 16, 2024
विचार

क्या के.सी. त्यागी द्वारा इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने के आह्वान के कारण उन्हें अपना पद गँवाना पड़ा?

September 5, 2024
Next Post
अब जम्मू से तय होगा नया सी एम! नई हद बंदी से यहाँ की छे सीटें बढ़ गईं

अब जम्मू से तय होगा नया सी एम! नई हद बंदी से यहाँ की छे सीटें बढ़ गईं

प्रमुख इस्लामी विद्वान मौलाना मुहम्मद यूसुफ इस्लाही नहीं रहे

प्रमुख इस्लामी विद्वान मौलाना मुहम्मद यूसुफ इस्लाही नहीं रहे

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

दिल्ली में बुलडोजर एक्‍शन की मुनादी,  jamea Nagar में मकानों पर नोटिस चस्पा

May 23, 2025
मैं अपराधी नहीं चुना हुआ मुख्यमंत्री हूं, केजरीवाल के तल्ख बोल

मैं अपराधी नहीं चुना हुआ मुख्यमंत्री हूं, केजरीवाल के तल्ख बोल

July 18, 2022

वक्फ बिल:मुसलमानों का विरोध देखते हुए JDU ने पलटी मारी’ TDP भी बिल के विरोध मे उत्तरी

August 24, 2024

Popular Stories

  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दिल्ली में 1396 कॉलोनियां हैं अवैध, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • नई दिल्ली:नेवी का क्लर्क विशाल  जासूसी के आरोप में गिरफ्तार, पाक महिला हैंडलर ‘प्रिया शर्मा’ को गोपनीय सैन्य जानकारी दी
  • SCO में चीन-पाक का खेल: पहलगाम की जगह बलूचिस्तान का नाम… भारत का जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन से इनकार
  • इजराइल-ईरान और अमेरिका:12 दिन की war में किस को कितना फायदा व नुक्सान:report

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi