नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों में तत्कालीन सीएम मोदी समेत 64 लोगों को विशेष जांच दल की ओर से दिए गए क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।
अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे.. बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता है।
अमित शाह ने कहा कि 18-19 साल की लड़ाई, देश का इतना बड़ा नेता एक शब्द बोले बगैर सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर सहन कर लड़ता रहा और आज जब अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ आ रहा है, तो अब आनंद आ रहा है।
अमित शाह ने कहा कि एससी ने सभी आरोपों को खारिज किया है, आप कह सकतें हैं कि एससी के फैसले ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे।
अमित शाह ने कहा कि हमने कोई लेटलतीफी नहीं की, जिस दिन गुजरात बंद का एलान हुआ था उसी दिन हमने सेना को बुला लिया था। गुजरात सरकार ने एक दिन की भी देरी नहीं की थी और कोर्ट ने भी इसका प्रोत्साहन किया है।
अमित शाह ने कहा कि सब कुछ (स्थिति को नियंत्रित करने के लिए) किया गया था, इसे नियंत्रित करने में समय लगता है, गिल साहब (पूर्व पंजाब DGP, दिवंगत केपीएस गिल) ने कहा था कि उन्होंने कभी भी इससे ज्यादा तटस्थ और त्वरित कार्रवाई अपने जीवन में नहीं देखी, फिर भी उन पर आरोप लगाए गए।हमारी सरकार आने के बाद एस आई टी बनी, ये लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं?