Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home विचार

भारत में विकास विविधता और लोकतंत्र

RK News by RK News
July 6, 2022
Reading Time: 1 min read
0
भारत में विकास विविधता और लोकतंत्र

डॉ एमजे खान

RELATED POSTS

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

गजा और शान्ति:अमेरिका की दोहरी नीति, दोहरा चरित्र

ईस्ट इंडिया कंपनी भले खत्म हो गई, उसका डर फिर से दिखने लगा!

दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा इस्लाम को शांति के धर्म के रूप में दावा किया जाता है। धार्मिक ग्रंथ भी स्पष्ट रूप से शांति और शिक्षा और मानवता की सेवा करने का आदेश देते हैं। लेकिन इस्लाम के अनुयायियों के आचरण के बारे में दुनियाभर में आम धारणा दावे के विपरीत है। सार्वजनिक स्थान पर हमारा व्यवहार, सामाजिक और राजनीतिक कार्य, समाज की अनदेखी करना और सामान्य शिष्टाचार में कमी हमारे दावे पर सवालिया निशान लगाता है। किसी भी समुदाय, समाज या राष्ट्र के बारे में धारणा उसके सामूहिक चरित्र, आचरण और योगदान के आधार पर बनती है। हर समुदाय या राष्ट्र में अच्छे लोग होते हैं, लेकिन राय बहुमत के व्यवहार और कार्यों के आधार पर बनती है। विचारों को थोड़े समय के लिए विकृत किया जा सकता है, लेकिन अगर लोगों का एक बड़ा वर्ग लंबे समय तक एक राय रखता है, तो यह समय ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण करने और सही मायने में खुद को सुधारने का है, ना कि उन्हें इस्लामोफोबिया बताकर कोसने या स्वीकार करने से इनकार करने का।

भारतीय मुसलमानों की बात करें तो हमें ट्रिपल टैक्स चुकाने की अनूठी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, पहला 700 साल के मुस्लिम शासन की विरासत, जिसे हम अपना दावा करते हैं, दूसरा मुस्लिम दुनिया में होने वाली घटनाएं, सीरिया से लेकर अफगानिस्तान तक और तीसरी घरेलू सामाजिक-धार्मिक मुद्दे और एक गलत पड़ोसी का अस्तित्व। कुल मिलाकर, भारत में बहुसंख्यकों की मुसलमानों के बारे में राय नकारात्मक बनती जा रही है और एक वर्ग तो मुस्लिम विरोधी भावनाओं से पीड़ित हो रहा है। सभ्यता की उन्नति में मुस्लिम दुनिया के निम्न योगदान के कारण भी हमारी छवि खराब है, चाहे वह आधुनिक विज्ञान हो या प्रौद्योगिकी, चिकित्सा, स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यवसाय, उद्योग या यहां तक कि सामाजिक सेवाएं।

भोजन केंद्रित और उपभोक्तावादी जीवन शैली का अपनाना, धर्म और राजनीति की अधिकता भरी खुराक और रणनीतिक योजना तथा परिवर्तनकारी दृष्टिकोण की कमी के परिणामस्वरूप हमारे सामाजिक और आर्थिक जीवन में गिरावट जारी है। आधुनिक शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास पर ध्यान न देना और संस्थानों की शक्तियों का लाभ उठाने में विफल रहने और तेजी से विकसित हो रही विश्व आर्थिक व्यवस्था के साथ तालमेल न रखने से समुदाय प्रगति के अधिकांश मापदंडों में पिछड़ रहा है। हालाँकि, आत्मनिरीक्षण और कार्यशैली को सही करने के लिए यह सही समय है।

भारतीय मुसलमान भाग्यशाली हैं कि वे विशाल सामाजिक विविधता और बहुत परिपक्व लोकतंत्र के लाभांश का निरंतर आनंद ले रहे हैं। आज मुस्लिम महिलाओं और युवाओं में नया आत्मविश्वास आया है और प्राथमिक शिक्षा, सामाजिक कार्यक्रमों और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में समुदाय की भागीदारी में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

भारतीय मुसलमान बहुत ही विविधता भरे बहुसांस्कृतिक समाज में पैदा होने के लिए भाग्यशाली हैं, जो दूसरों के विश्वास और करुणा और आवास का सम्मान करने के मूल्यों को सिखाता है। असहिष्णुता या उग्रवाद की इसमें कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। दुर्भाग्य से, देश में सांप्रदायिक माहौल में खतरनाक वृद्धि हो रही है, जो न तो लोकतंत्र के लिए और न ही अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है, और निश्चित रूप से तेजी से बढ़ती वैश्विक शक्ति के रूप में भारत में इसका कोई स्थान नहीं है। सत्ताधारी वर्ग को इस गंभीर चुनौती का तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। समानता, समावेश और विविधता के उभरते वैश्विक दर्शन के साथ, भारतीय मुस्लिम समुदाय, बहुसंस्कृतिवाद के मूल्यों और समझ के साथ, विश्व के मुसलमानों को रास्ता दिखा सकता है और अपने लिए समृद्ध लाभांश प्राप्त कर सकता है।

समुदाय को आधुनिक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना होगा ताकि तेजी से उभरते आर्थिक अवसरों का लाभ उठा सके और राष्ट्रीय लोकाचार और सामान्य सांस्कृतिक मूल्यों की बेहतर समझ विकसित हो सके जिस से धारणाओं में सकारात्मक बदलाव होगा और शांति और सामान्य प्रगति के लिए मार्ग प्रसश्त होगा।

लेखक impar के अध्यक्ष है, 

यह उनके निजी विचार हैं।

 

 

ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

विचार

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

May 15, 2025
विचार

गजा और शान्ति:अमेरिका की दोहरी नीति, दोहरा चरित्र

May 12, 2025
विचार

ईस्ट इंडिया कंपनी भले खत्म हो गई, उसका डर फिर से दिखने लगा!

November 6, 2024
विचार

इस्लामोफोबिया से मुकाबला बहुत पहले शुरू हो जाना था:–राम पुनियानी

September 16, 2024
विचार

क्या के.सी. त्यागी द्वारा इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने के आह्वान के कारण उन्हें अपना पद गँवाना पड़ा?

September 5, 2024
विचार

नए अखिलेश का उदय:—प्रभु चावला

July 28, 2024
Next Post
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए को पसमांदा मुसलमान उम्मीदवार की तलाश!

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए को पसमांदा मुसलमान उम्मीदवार की तलाश!

असम सरकार ने 5 मुस्लिम जातियों को स्वदेशी का दर्जा दिया

असम सरकार ने 5 मुस्लिम जातियों को स्वदेशी का दर्जा दिया

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

पटपड़गंज से अवध ओझा, जंगपुरा से चुनाव लड़ेंगे सिसोदिया; AAP ने जारी की 20 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट

December 9, 2024
ज़ाकिया जाफ़री को अब क्या करना चाहिए ? 

ज़ाकिया जाफ़री को अब क्या करना चाहिए ? 

July 5, 2022
यूपी में 16 आईएएस अफसरों के तबादले, ताकतवर नवनीत सहगल का कद छोटा कर दिया

यूपी में 16 आईएएस अफसरों के तबादले, ताकतवर नवनीत सहगल का कद छोटा कर दिया

September 1, 2022

Popular Stories

  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • दुआएं कुबूल, हल्द्वानी में नहीं चलेगा बुलडोजर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • ऊंची जाति के लोग नेता होंगे मुसलमान भिखारी होंगे’ असदुद्दीन ओवैसी ने भागवत के बयानों को पाखंड से भरा बताया
  • 50Civil societyorganisationsने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग की
  • असदुद्दीन औवेसी की तोपों का रुख अब तुर्की की ओर, सुनाई खरी-खरी

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi