नई दिल्ली: चीफ जस्टिस एन वी रमना के समक्ष नूपुर शर्मा की याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर पत्र याचिका, दी गई है, पत्र याचिका में सामाजिक कार्यकर्ता अजय गौतम ने मांग की है कि नूपुर शर्मा के खिलाफ जस्टिस सूर्यकांत द्वारा की गई टिप्पणी को वापस लिया जाए.
नुपुर शर्मा को फेयर ट्रॉयल का मौका मिलना चाहिए, पत्र याचिका में कहा गया है कि नूपुर शर्मा को जान को खतरा है इसलिए उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों का दिल्ली ट्रांसफर किया जाए.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि उनकी “टिप्पणी” ने “पूरे देश में आग लगा दी है, फिर भी, वह 10 साल की वकील होने का दावा करती है ,,, वह अपनी टिप्पणियों के लिए तुरंत पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी.
टिप्पणी के लिए विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को क्लब करने के लिए शर्मा की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए, पीठ ने कहा कि यह टिप्पणी या तो सस्ते प्रचार, राजनीतिक एजेंडे या कुछ नापाक गतिविधियों के लिए की गई थी.
कोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले दिल्ली के अजय गौतम द्वारा दायर पत्र याचिका में कहा गया कि नूपुर शर्मा के मामले में अपनी टिप्पणियों को वापस लेने के लिए उचित आदेश या निर्देश जारी करें ताकि नूपुर शर्मा को निष्पक्ष होने का मौका मिले.
पत्र याचिका में कहा गया है कि इसे एक जनहित याचिका के रूप में माना जाए और सुनवाई के दौरान की गई प्रतिकूल टिप्पणी को “अनावश्यक” घोषित किया जाए.