क्या देश में तीसरी लहर आएगी और यह आएगी तो कितनी ख़तरनाक होगी? ये सवाल हर किसी को कौंध रहे हैं। महामारी रोग विशेषज्ञ और कोरोना पर शोध-सर्वे करने वाली एजेंसियाँ तो क़रीब-क़रीब पक्के तौर पर कहती हैं कि तीसरी लहर तो आएगी ही। लेकिन यह कितना घातक होगी इस पर अब एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने आकलन पेश किया है।
गुलेरिया ने कहा है कि अगर तीसरी लहर आती है तो इसके कई परिदृश्य बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि सभी प्रतिबंध हटा दिए जाते हैं और कोरोना का एक वैरिएंट इम्युन यानी प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम होता है तो अगली लहर दूसरी लहर से बड़ी हो सकती है। उन्होंने ये बातें तब कहीं जब वह आईआईटी के एक गणितीय मॉडल द्वारा अनुमानित तीसरी लहर की संभावना का हवाला दे रहे थे।
उन्होंने यह आशंका तब जताई है जब दुनिया के कई देशों में फिर से संक्रमण बढ़ रहा है। कई देशों में तीसरी लहर शुरू हो चुकी है तो कुछ देशों में चौथी लहर की शुरुआत भी होने लगी है। भारत में भी तीसरी लहर के आने की आशंकाएँ जताई जा रही हैं और इसको लेकर रिपोर्टें भी आ रही हैं।
हाल ही में आई एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया था कि तीसरी लहर अगस्त में आ सकती है और इसके क़रीब एक महीने बाद सितंबर में यह अपने चरम पर होगी। मौजूदा समय में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है और हर रोज़ क़रीब 30-40 हज़ार मामले सामने आ रहे हैं।