देश भर के 300 से ज़्यादा वकीलों ने केंद्रीय क़ानून मंत्री किरण रिजिजू की तीखी आलोचना की है। उन्होंने रिजिजू की उन टिप्पणियों पर आपत्ति जताई है जिसमें क़ानून मंत्री ने कहा था कि कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीश ‘भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा’ हैं। वकीलों ने बुधवार को एक खुले ख़त में मांग की है कि मंत्री को टिप्पणियों को वापस लेना चाहिए।
मंत्री की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए वकीलों ने कहा, ‘हम मंत्री को याद दिला सकते हैं कि सरकार की आलोचना न तो राष्ट्र के खिलाफ है, न ही देशद्रोह, और न ही ‘भारत विरोधी’। बयान पर हस्ताक्षर करने वाले वकीलों ने कहा है कि सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को धमकी देकर क़ानून मंत्री स्पष्ट रूप से हर नागरिक को संदेश दे रहे हैं कि विरोध के किसी भी स्वर को बख्शा नहीं जाएगा।
उस खुले ख़त पर 323 हस्ताक्षरकर्ताओं में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, अरविंद दातार, इकबाल छागला, जनक द्वारकादास, श्री हरि अणे, राजू रामचंद्रन, दुष्यंत दवे, इंदिरा जयसिंह, राजशेखर राव और संजय सिंघवी शामिल है।