Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home समाचार

औरंगजेब, छावा और इकतरफा इतिहास

RK News by RK News
March 15, 2025
Reading Time: 1 min read
0

•••राम पुनियानी
इतिहास का इस्तेमाल राजनीति में करने से साम्प्रायिक नफरत बढ़ रही है और पिछले कुछ सालों में इसमें कई नए मुद्दे जोड़ दिए गए हैं. आरएसएस की शाखाओं, सोशल मीडिया, भाजपा के आईटी सेल, मुख्यधारा का मीडिया, विशेषकर कई टीवी चैनलों के जरिए, अपने प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने और ब्रेनवाश करने के अलावा अब फिल्मों के माध्यम से भी समाज में व्याप्त गलतफहमियों को गहरा करने का प्रयास किया जा रहा है.
हालिया अतीत में द केरेला स्टोरी, कश्मीर फाईल्स आदि फिल्मों ने समाज में नफरती उन्माद को बढ़ाने का काम किया है. कई अन्य फिल्मों जैसे स्वातंत्रयवीर सावरकर, 72 हूरें, सम्राट पृथ्वीराज आदि अधिक सफलता हासिल नहीं कर सकीं. अब पूरे देश में और खासकर महाराष्ट्र में छावा नामक फिल्म के शो हाउसफुल हो रहे हैं और नफरत को और बढ़ा रहे हैं. यह कोई इतिहास को दर्शाने वाली फिल्म नहीं है बल्कि शिवाजी सावंत के छावा नामक उपन्यास पर आधारित है. फिल्म में दिखाई गई कुछ असंगत बातों के लिए फिल्म के निर्माता पहले ही माफी मांग चुके हैं.
फिल्म में छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन की कुछ चुनिंदा घटनाओं को दिखाकर यह साबित करने का प्रयास किया गया है कि औरंगजेब जालिम और हिंदू विरोधी था. कुल 126 मिनिट की फिल्म में लगभग 40 मिनिट तक संभाजी महाराज को दी गई यंत्रणा को दिखाया गया है. फिल्म के इस हिस्से में फिल्म बनाने वालों ने एक काल्पनिक कथा के लेखक की तरह मनचाही बातें दिखाई हैं. पूरे आख्यान में मध्यकालीन इतिहास को उदार हिंदू राजाओं और दुष्ट मुस्लिम राजाओं के टकराव के रूप में पेश किया गया है.संभाजी महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र थे. शिवाजी के साम्राज्य में जो अधिकारी थे, उनमें से कई मुसलमान थे. मौलाना हैदर अली उनके विश्वासपात्र सचिव थे और सिद्धी संबल, इब्राहिम गर्दी और दौलत खान समेत उनकी सेना के 12 जनरल भी मुसलमान थे. जब उनका अफजल खान से आमना-सामना होने वाला था तब उन्हें एक लोहे का पंजे साथ ले जाने की सलाह दी गई जो उन्हें उनके सहायक रूतम-ए-जमान ने दिया था. अफजल खान को मौत के घाट उतारने के बाद अफजल खान के सचिव कृष्णाजी भास्कर कुलकर्णी ने शिवाजी पर हमला करने का प्रयास किया था.
शिवाजी पर आक्रमण करने वाली औरंगजेब की सेना के सेनापति राजा जयसिंह थे. शिवाजी को औरंगजेब के दरबार में पेश होने के लिए बाध्य किया गया और बाद में कैद कर लिया गया. उन्हें कैद से भागने में मदद करने वाले व्यक्ति का नाम मदारी मेहतर था, जो एक मुस्लिम राजकुमार था.
हिदुत्व के जनक सावरकर और गोलवलकर संभाजी के चरित्र पर ऊंगली उठाते हैं और सुरा-सुंदरी के प्रति उनकी आसक्ति का जिक्र करते हैं. इन्हीं आदतों के चलते शिवाजी ने उन्हें पनहाला किले में कैद कर दिया था. बाद में संभाजी ने शिवाजी के खिलाफ हुए युद्ध में औरंगजेब का साथ दिया. संभाजी  बीजापुर के आदिलशाह के खिलाफ हुए युद्ध में भी औरंगजेब के सहयोगी थे.
शिवाजी की मौत के बाद हुए सत्ता संघर्ष में संभाजी के सौतेले भाई (शिवाजी की दूसरी पत्नि सोयराबाई के पुत्र) ने उन्हें जहर देने का प्रयास किया. साजिश का भंडाफोड़ होने के बाद संभाजी ने कई हिंदू अधिकारियों को मौत के घाट उतरवा दिया था. औरंगजेब के साथ हुए युद्ध के लिए औरंगजेब ने अपने जनरल राठौड को भेजा था. संभाजी के पकड़े जाने के बाद उन्हें अपमानित किया गया और यंत्रणा दी गई जिसे बहुत बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया गया है|फिल्म के जरिए औरंगजेब के संबंध में कई मान्यताओं को और गहरा करने का प्रयास किया गया है. उन्हें अपने विरोधियों के प्रति अत्यंत क्रूर दिखाया गया है. यहां सवाल इन आरोपों का जवाब देने का नहीं है बल्कि साम्राज्यों के संचालन के तौर-तरीकों को समझने का प्रयास करने का है. राजाओं का अपने शत्रुओं के साथ बहुत क्रूर व्यवहार करना आम बात थी और इसके बहुत से उदाहरण मिलते हैं. इतिहासकार रूचिका शर्मा बताती हैं कि चोल राजाओं ने चालुक्य सेना को पराजित करने के बाद चालुक्य जनरल समुद्रराज का सिर धड़ से अलग कर दिया और उसकी सुंदर पुत्री की नाक काट दी. अशोक का कलिंग युद्ध भयावह निर्ममताओें के लिए जाना जाता है. राजाओं का अपने शत्रुओं के प्रति व्यवहार अत्यंत नृश्ंस होता था और उसे आज के मानदंडों की कसौटी पर नहीं कसा जा सकता. और हम आज की घटनाओं के बारे में क्या कहेंगे जब मुसलमानों पर लगे आरोप अदालत में साबित होने के पहले ही बुलडोज़र उनके घरों को मिट्टी में मिला देते हैं.
हम उस हिंदू राजा के बारे में क्या कहेंगे जिसका एक किला एक पहाड़ की चोटी पर था और राजा के खिलाफ साजिश रचने वालों को हाथ-पैर बांधकर किले से गहरी घाटी में फेंक दिया जाता था? बाला सामंत ने अपनी पुस्तक में सूरत की लूटपाट के दौरान शिवाजी की सेना द्वारा ढाए गए जुल्मों का विवरण दिया है.सेना और जुल्म का बहुत निकट का संबंध था. शत्रुओं के साथ क्रूरता निश्चित ही निंदनीय है, लेकिन यह एक सामान्य बात थी. जब संभाजी की मराठा सेना ने गोवा पर आक्रमण किया, तब एक पुर्तगाली द्वारा दिए गए विवरण के अनुसार (जिसे इतिहासकार यदुनाथ सरकार ने उद्धत किया है) “अब तक भारत में कहीं भी ऐसी निर्ममता नहीं देखी गई…‘‘. हालांकि जुल्मों के इन विवरणों को गौर से देखा जाना चाहिए, लेकिन इससे यह स्पष्ट होता है कि हिंसा एक व्यापक प्रवृत्ति थी, भले ही उसका स्तर कम या ज्यादा होता था.
क्या औरंगजेब हिंदू विरोधी था? यह कहा जा सकता है कि औरंगजेब न तो अकबर जैसा था और ना ही दारा शिकोह जैसा. वह एक रूढ़िवादी व्यक्ति था और एक ओर जहां वह हिंदुओं और इस्लाम के गैर-सुन्नी पंथों को पसंद नहीं करता था, वहीं दूसरी ओर वह गठबंधन कायम करने में अत्यंत कुशल था और उसके प्रशासन में बहुत से हिंदू अधिकारी थे. जैसा कि प्रोफेसर अतहर अली बताते हैं कि औरंगजेब के प्रशासन में हिंदू अधिकारियों का संख्या अधिकतम (33 प्रतिशत) थी.
यह बिल्कुल सही है कि उसने कई मंदिरों को नष्ट किया. लेकिन उसने कामाख्या देवी (गुवाहाटी), महाकालेश्वर (उज्जैन) चित्रकूट बालाजी और वृंदावन में भगवान कृष्ण जैसे कई मंदिरों को धन भी दिया. शिवाजी भी हजरत बाब बहोत थोरवाले की सूफी दरगाह के लिए धन देते थे. पराजित राजा को अपमानित करने के लिए जीतने वाला राजा उस विशिष्ट पूजा स्थल को नष्ट करता था जो हारने वाले राजा से संबद्ध होता था अब साम्प्रदायिक इतिहासकार मुस्लिम राजाओं द्वारा नष्ट किए गए मंदिरों की घटनाओं का चुन-चुनकर विवरण दे रहे हैं और मुस्लिम राजाओं द्वारा हिंदू मंदिरों को दिए गए दान की बात को छिपा रहे हैं.
औरंगजेब ने 22 साल राज के बाद जजिया कर लगाया. लेकिन ब्राम्हण, अपाहिज और महिलाएं इससे मुक्त थे. यह धर्मपरिवर्तन का माध्यम नहीं था बल्कि संपत्तिकर की तरह था और 1.25 प्रतिशत की दर से वसूला जाता था. वहीं मुसलमानों को 2.50 प्रतिशत की दर से जकात देनी पड़ती थी. जहां तक सिक्ख गुरूओं को यंत्रणा दिए जाने की बात है, वह अनुचित था, लेकिन उसका मुख्य कारण मुगल प्रशासन और सिक्ख गुरूओं के बीच सत्ता संघर्ष था.
साम्प्रदायिक इतिहाविद् साम्राज्यों के दौर के पूरे संदर्भ का हवाला दिए बिना विभिन्न स्त्रोतों से घटनाओं को चुनने  में जुटे हुए हैं. राजा शत्रुओं से लड़ने के लिए अपनी सेनाओं को उत्साहित और प्रेरित करने हेतु धर्म का इस्तेमाल करते थे. हिंदू राजा धर्मयुद्ध और मुस्लिम राजा जिहाद का नाम लेते थे. दक्षिणपंथी इतिहासविद् अपने अनुकूल स्त्रोतों का चयन करते हैं और राजाओें को धर्म के चश्मे से देखते हैं. वे इस तथ्य को नजरअंदाज करते हैं कि राजाओं का  लक्ष्य सत्ता और धन हासिल करना होता था. धर्म का इस्तेमाल यदि होता भी था तो अपने साम्राज्यों के विस्तार के मात्र एक औजार के रूप में. जो हो रहा है वह बांटने वाली राजनीति की ताकत बढ़ा रहा है. और यह भारतीय संविधान के लिए बड़ा खतरा है. (अंग्रेजी से रूपांतरण अमरीश हरदेनिया. लेखक आईआईटी मुंबई में पढ़ाते थे और सन 2007 के नेशनल कम्यूनल हार्मोनी एवार्ड से सम्मानित हैं)

RELATED POSTS

सीएए विरोधी प्रदर्शनों में जेल में बंद  शरजील इमाम  का बिहार चुनाव लड़ने का फैसला

ग़ज़ा में नरसंहार पर पीएम की ‘शर्मनाक चुप्पी, मानवता के खिलाफ अपमान,अत्याचारों के खिलाफ बोलें: सोनिया

असम सरकार ने गोलाघाट में 2,000 से अधिक बंगाली मुस्लिम परिवारों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान शुरू किया!:report

Tags: AurangzebChhawachhawa moviecontroversy aurangzeb chhawa movienews todayone sided historyvicky kausal
ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

Uncategorized

सीएए विरोधी प्रदर्शनों में जेल में बंद  शरजील इमाम  का बिहार चुनाव लड़ने का फैसला

July 30, 2025
समाचार

ग़ज़ा में नरसंहार पर पीएम की ‘शर्मनाक चुप्पी, मानवता के खिलाफ अपमान,अत्याचारों के खिलाफ बोलें: सोनिया

July 29, 2025
समाचार

असम सरकार ने गोलाघाट में 2,000 से अधिक बंगाली मुस्लिम परिवारों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान शुरू किया!:report

July 29, 2025
समाचार

प्रवासी मजदूर बंगाल लौट आएं, ममता की अपील कहा, सुरक्षा और रोटी देंगे, भाजपा पर देश बांटने का इल्ज़ाम

July 29, 2025
समाचार

बिहार की SIR  प्रकिया बैकडोर NRC, लोकतंत्र पर सीधा हमला:नदीम खां

July 28, 2025
समाचार

दिल्ली वक्फ बोर्ड घोटाला: अमानतुल्ला समेत 11 के खिलाफ आरोप तय

July 28, 2025
Next Post

'धार्मिक भेदभाव, सभी धर्मों पर असर डालता है', यूएन में इस्लामोफोबिया के खिलाफ प्रस्ताव को भारत का समर्थन

जमीयत का प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड गया, बंद किए गए मदरसों का निरीक्षण किया, अधिकारियों से मुलाकात की, हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

दुनिया में घटती जनसंख्या बनी चिंता

दुनिया में घटती जनसंख्या बनी चिंता

July 5, 2021

उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड में बहुविवाह पर प्रतिबंध, लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन के प्रावधान : सूत्र

November 11, 2023

केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है: SC

May 3, 2024

Popular Stories

  • दिल्ली में 1396 कॉलोनियां हैं अवैध, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • सीएए विरोधी प्रदर्शनों में जेल में बंद  शरजील इमाम  का बिहार चुनाव लड़ने का फैसला
  • ग़ज़ा में नरसंहार पर पीएम की ‘शर्मनाक चुप्पी, मानवता के खिलाफ अपमान,अत्याचारों के खिलाफ बोलें: सोनिया
  • असम सरकार ने गोलाघाट में 2,000 से अधिक बंगाली मुस्लिम परिवारों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान शुरू किया!:report

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi