प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान को राहत देते हुए जौहर विश्वविद्यालय के लिए जमीन हड़पने के 11 मुकदमों में मिली जमानत निरस्त करने की राज्य सरकार की अर्जियों पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने अर्जियां निस्तारित करते हुए कहा कि सरकार के सामने यह विकल्प है कि जिस अदालत ने आजम खान को बेल दी है, उसी अदालत के समक्ष जमानत निरस्त कराने की अर्जी दाखिल करे
राज्य सरकार द्वारा 2020 में दायर याचिका का निस्तारण करते हुए जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने कहा, “अदालत का विचार है कि अगर राज्य सरकार को लगता है कि आजम खान के आपराधिक इतिहास को निचली अदालत के संज्ञान में लाए जाने के बावजूद ट्रायल कोर्ट ने इस पर विचार नहीं किया है, तो राज्य सरकार उस अदालत के समक्ष आवेदन कर सकता है जिसने जमानत दी है।” इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, “अगर अभियुक्त-प्रतिवादी मुकदमे में सहयोग नहीं कर रहा है और जमानत के नियमों और शर्तों का उल्लंघन कर रहा है, तो राज्य के पास आवेदन दायर करने के लिए कानून के तहत स्वतंत्रता है।”