दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को जामिया सीएए विरोध मामले में सभी 11 छात्र नेताओं को बरी कर दिया, जिसमें उन पर दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था।
छात्र नेताओं में सफूरा जरगर, शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तनहा, चंदा यादव, मुहम्मद अबुजर, उमैर अहमद, मुहम्मद शोएब, महमूद अनवर, मुहम्मद कासिम, बिलाल नदीम और शाह जर रजा खान शामिल हैं।
हालांकि, शरजील इमाम अभी जेल में ही रहेगा क्योंकि उसे दिल्ली नरसंहार साजिश मामले में अभी तक जमानत नहीं मिली है। जून 2021 में यूएपीए मामले में आसिफ और जरगर को जमानत मिली थी।
ग्यारह छात्र उन छात्र नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने 2019 की सर्दियों में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। विरोध के बाद दर्जनों छात्र नेताओं और मुस्लिम कार्यकर्ताओं को गंभीर आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें से कई अब भी जेल में हैं।
जामिया मामले की प्राथमिकी में निम्नलिखित धाराओं के तहत दंगा और गैरकानूनी असेंबली के अपराध शामिल थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने आईपीसी की धारा 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341, 120बी और 34 में आदेश पारित किया।