मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में रामनवमी पर हुए भयावह हादसे में कई लोगों की जानें गईं। मंदिर की बावड़ी (बड़े कुएं) से सेना के जवानों को शुक्रवार सुबह तक 23 और शव मिले हैं। मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 हो गयी है। अनेक लापता लोगों के शवों की खोजबीन का सिलसिला अभी जारी है। इस बीच यह दावा भी सामने आया है, ‘बावड़ी को चूहों ने खोखला किया, जिससे यह हादसा हो गया।
रात 11:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में आर्मी और एनडीआरएफ की टीम ने नगर निगम के अमले की मदद से बावड़ी से करीब 20 लोगों के शव निकाले बाहर निकाले थे। हादसे की जानकारी मिलने के बाद महू से तीन अलग-अलग टीमों में आर्मी और NDRF के करीब 140 जवान मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुए थे। गुरुवार देर रात करीब 13 शव और निकाले गए थे। इससे पहले 11 शव निकाले गए थे। घटनास्थल पर हादसे के बाद अफरा-तफरी का माहौल हो गया था।
समय पर क्यों नहीं जागा प्रशासन?
आरोप है कि 60 साल पुराने छोटे मंदिर का पिछले लंबे समय से विस्तार कार्य चल रहा था। मंदिर परिसर से लगी सरकारी जमीन कब्जाने और अवैध निर्माण का आरोप लगाने वाले लोगों ने समय रहते तमाम शिकायतें करने का दावा भी किया। उन्होंने अपनी लिखित शिकायतों में प्रशासन को सजग किया कि अवैध निर्माण जानलेवा साबित हो सकते हैं। शिकायतकर्ताओं का यह भी आरोप है कि बार-बार सतर्क करने के बाद भी ज़िम्मेदार अफसरों ने कार्रवाई नहीं की।सवाल का जवाब पहले भले ही नहीं मिला हो, लेकिन अब मिल जाने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है।