जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) कोर्ट (अंजुमन) के सदस्यों ने सर्वसम्मति से डॉक्टर सैय्यदना मुफ़द्दल सैफ़ुद्दीन को यूनिवर्सिटी का नया चांसलर चुना है.डॉक्टर सैफ़ुद्दीन मंगलवार को अपना कार्यभार संभालेंगे और अगले पाँच सालों तक इस पद पर रहेंगे. वो डॉक्टर नजमा हेपतुल्ला की जगह लेंगे.
डॉक्टर सैय्यदना सैफ़ुद्दीन बोहरा समुदाय के 53वें धर्मगुरु हैं. वो साल 2014 से ये पद संभाल रहे हैं.
यूनिवर्सिटी की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, डॉक्टर सैय्यदना मुफ़द्दल बोहरा के बारे में बताया गया है कि उन्होंने अपना जीवन समाज की बेहतरी के लिए समर्पित कर दिया. इस दौरान उन्होंने शिक्षा, पर्यावरण, समाजिक-आर्थिक पहलुओं पर ख़ास काम किया.
सैय्यदना सैफ़ुद्दीन ने गुजरात में सूरत के अल-जामिया-तुल सैफ़ियां से तालीम हासिल की है. उन्होंने मिस्र की अल-अज़हर यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई की है.डॉक्टर सैफ़ुद्दीन अपने समुदाय के धर्मगुरु हैं. लेकिन उनका रुतबा कुछ कुछ शासकों जैसा ही है.
मुंबई में भव्य और विशाल ‘सैफ़ी महल’ में अपने विशाल कुनबे के साथ रहते हुए वे ख़ुद तो हर आधुनिक भौतिक सुविधाओं का उपयोग करते हैं, लेकिन अपने सामुदायिक अनुयायियों पर शासन करने के उनके तौर तरीक़े मध्ययुगीन राजाओं-नवाबों की तरह हैं.
उनकी नियुक्ति भी योग्यता या लोकतांत्रिक ढंग से नहीं, बल्कि वंशवादी व्यवस्था के तहत होती है, जो कि इस्लामी उसूलों के अनुरूप नहीं हैं.
डॉक्टर सैफ़ुद्दीन जिस समुदाय के धार्मिक नेता हैं, उसे आम तौर पर पढ़ा-लिखा, मेहनती, कारोबारी और समृद्ध होने के साथ ही आधुनिक जीवनशैली वाला माना जाता है.