सरकारों द्वारा जासूसी के लिए पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus) के इस्तेमाल के काले चिट्ठे अब खुलकर सामने आ रहे हैं. 18 जुलाई को प्रकाशित एक भारतीय ऑनलाइन न्यूज पोर्टल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कम से कम 40 भारतीय पत्रकारों की जासूसी के लिए इस इजरायली कंपनी NSO के स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया है.
फ्रांसीसी संस्थान ‘फॉरबिडन स्टोरीज’ (Forbidden Stories) और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मिलकर पेगासस स्पाइवेयर से जासूसी की यह जानकारी जुटाई और फिर दुनिया के कुछ चुनिंदा मीडिया संस्थानों के साथ उसे शेयर किया. पेगासस प्रोजेक्ट (Pegasus Project) में 50 हजार नंबरों की जांच की गई है.
‘द वायर’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि डेटा में सिर्फ किसी फोन नंबर की उपस्थिति से यह तय नहीं किया जा सकता कि वह डिवाइस पेगासस की मदद से हैक किया गया था या नहीं. लेकिन ऐसे लिस्ट का विश्लेषण करने वाले ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ का मानना है कि पेगासस के लिस्ट में पत्रकारों के नंबर के होने का मतलब है कि वो जासूसी के संभावित टारगेट थे.
डेटा में मौजूद भारतीय फोन नंबरों में से कुछ पर किए गए स्वतंत्र डिजिटल फॉरेंसिक एनालिसिस के आधार पर यह बात सामने आई कि या तो उन पर पेगासस हैक प्रयास हुआ था या उन्हें हैक कर लिया गया था.