Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home विचार

जयंती पर खास: मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी एक अजीम मुजाहिद-ए-आजादी

RK News by RK News
July 3, 2022
Reading Time: 1 min read
0
जयंती पर खास: मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी एक अजीम मुजाहिद-ए-आजादी

मोहम्मद शाहीन 

RELATED POSTS

आखिरकार चंद्रचूड़ ने हिंदुत्व के प्रति अपनी निष्ठा साबित कर दी…

बिहार चुनाव 2025:इस बार मुसलमान नितीश बाबू के “अरमान”पूरे करेंगे?

मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी, इक्का-दुक्का आवाज़ें,हर तरफ सन्नाटा!

जंगे आजादी के अजीज रहनुमा रईस उल अहरार मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी 3 जुलाई 1892 को पंजाब में पैदा हुए। वो लुधियाना के मशहूर मुजाहिद ए आज़ादी मौलाना शाह अब्दुल क़ादिर लुधियानवी के पोते हैं, जिन्होने 1857 में अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ फ़तवा दिया था।

दारुल उलूम देवबंद से अपनी तालीम मुकम्मल करने के बाद मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी ने मौलाना अब्दुल अज़ीज़ की बेटी बीबी शफ़तुनिसा से शादी कर ली। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और खिलाफ़त आंदोलन और असहयोग आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

ख़िलाफ़त तहरीक और असहयोग आंदोलन के दौरान मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी ने 1 दिसंबर 1921 को प्रेरक भाषण से लोगों को ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह के लिए उकसाया और पहली बार गिरफ़्तार किए गए। तब से, उन्होंने कई बार कार कोठरी की यातनाओं का सामना किया और देश की विभिन्न जेलों में क़रीब 14 साल बिताए। उनके मित्रों और परिजनों को भी कारावास का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्होंने भी भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिया था। उनकी पत्नी बीबी शफ़तुनिसा, जो स्वंय भी एक स्वतंत्रता सेनानी थीं, ने अपने परिवार पर ब्रिटिश पुलिस के द्वारा किए गए क्रूर दमन के बावजूद उन्हें समर्थन दिया।

जमियत-उलमा-ए-हिंद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मौलाना लुधियानवी, 1929 में मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद की सलाह पर मजलिस-ए-अहरार (द सोसायटी ऑफ़ फ़्रीमेन) की स्थापना की।

1929 में भगत सिंह ने केंद्रीय सभा में बम फेंके, उसके बाद से कोई भी उनके परिवार के सदस्यों को शरण देने के लिए आगे नहीं आया था क्योंकि लोगों को ब्रिटिश दमन का भय था। तब मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी ने भगत सिंह के परिवार के सदस्यों को एक महीने तक आश्रय प्रदान किया। साथ ही उन्होने नेताजी सुभाष चंद्रा बोस की भी अपने घर पर मेहमान नवाज़ी की थी।

1929 में जब ब्रिटिश अधिकारियों ने लुधियाना के घास मंडी चौक पर हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग पानी के बर्तन का इस्तेमाल किया, तो उन्हें हिंदू, मुस्लिम और सिख कार्यकर्ताओं की सहयोग से इसे ख़त्म किया, और एक पर्चा लगवाया ‘सबका पानी एक है’ जिसके लिए उन्हें जेल भेजा गया। उन्होंने 1931 में शाही जामा मस्जिद के पास लगभग तीन सौ ब्रिटिश अधिकारियों और पुलिस की उपस्थिति में भारतीय ध्वज को फहराया, जिसके लिए उन्हें गिरफ़्तार किया गया।

भारत की आज़ादी की ख़ातिर मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी ने शिमला, मैनवाली, धर्मशाला, मुल्तान, लुधियाना सहीत देश की विभिन्न जेलों में क़रीब 14 साल बिताए।

वो आख़िर आख़िर तक पाकिस्तान बनने का विरोध करते रहे; पर जब राष्ट्र को 1947 में विभाजित किया गया था, तो उन्होंने शत्रुतापूर्ण माहौल के कारण अपने दोस्तों की सलाह पर लुधियाना छोड़ दिया और दिल्ली में शरणार्थी शिविरों में शरण ली। इससे लुधियानवी युगल को गंभीर मानसिक आघात हुआ हालांकि उन्हें पाकिस्तान जाने की सलाह दी गई थी, उन्होंने सलाह को अस्वीकार कर दिया था और अपने मूल स्थान लुधियाना में रहने को सोंचा, और वहां भी उन्हें कटु अनुभव का सामना करना पड़ा।

उनके पंडित नेहरू से तालुक़ात बहुत अच्छे रहे और आज़ादी के बाद मुस्लिम दुनिया से भारत के अच्छे तालुक़ात के लिए मौलाना लुधियानवी ने बहुत मेहनत की, और इसके लिए वो 1952 में साऊदी अरब गए।

2 सिंतबर 1956 को अपने अंतिम क्षण तक देश और लोगों की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्धता के साथ लड़ते रहने वाले मौलाना हबीब-उर-रहमान लुधियानवी का निधन हो गया। उन्हे पंडित नेहरू के इलतेजा पर दिल्ली के जामा मस्जिद के पास मौजूद क़ब्रिस्तान में दफ़न किया गया।

ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

विचार

आखिरकार चंद्रचूड़ ने हिंदुत्व के प्रति अपनी निष्ठा साबित कर दी…

October 9, 2025
विचार

बिहार चुनाव 2025:इस बार मुसलमान नितीश बाबू के “अरमान”पूरे करेंगे?

October 3, 2025
विचार

मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी, इक्का-दुक्का आवाज़ें,हर तरफ सन्नाटा!

October 1, 2025
विचार

फिलस्तीन पर ज़ुल्मःभारत की खामोशी तटस्थता नहीं है•=सोनिया गांधी का विशेष लेख

September 25, 2025
विचार

भारत को UAPA के खिलाफ एक जन आंदोलन की जरूरत है

September 20, 2025
विचार

क्या क़तर ने हमास को धोखा दिया? इज़रायली हमले के पीछे 3 theories

September 12, 2025
Next Post
पुण्यतिथि पर खिराज-ए-अकीदत: नौशेरा के शेर ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान देश पर कुर्बान योमे-ए-शहादत पर खास

पुण्यतिथि पर खिराज-ए-अकीदत: नौशेरा के शेर ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान देश पर कुर्बान योमे-ए-शहादत पर खास

समाजवादी पार्टी की ओवरहालिंग, राष्ट्रीय कार्यकारिणी समेत सभी संगठन और प्रकोष्ठ भांग

समाजवादी पार्टी की ओवरहालिंग, राष्ट्रीय कार्यकारिणी समेत सभी संगठन और प्रकोष्ठ भांग

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

‘यूएपीए को रद्द करो, लोकतंत्र बहाल करो’संगोष्ठी में संवैधानिक स्वतंत्रताओं को पुनर्जीवित करने का आह्वान

September 28, 2025

ख़बरदार! टेलीग्राम पर आए मैसेज भूलकर भी न पढ़ें, इंजीनियर के अकाउंट से गायब हो गए 12 लाख

January 11, 2024

बीजेपी से कटा टिकट तो पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी कांग्रेस से जुड़े

April 14, 2023

Popular Stories

  • दिल्ली में 1396 कॉलोनियां हैं अवैध, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • बिहार: महागठबंधन में फूट! इन 8 सीटों पर “friendly figh”होगी
  • हिंसा,मॉब-लिंचिंग और गौरक्षकों पर तहसीन पूनावाला दिशानिर्देशों की उपेक्षा निंदनीय :मौलाना महमूद मदनी
  • छत्तीसगढ़ में भी “अवैध”धर्मांतरण के खिलाफ“कठोर”विधेयक लाने का बीजेपी सरकार का फैसला

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi