Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home विचार

ग़ज़ा में लोग चलती-फिरती लाशें बन गए हैं’, पत्रकारों की आपबीती

RK News by RK News
July 27, 2025
Reading Time: 1 min read
0

योलांद नेल
बीबीसी ग़ज़ा में अपनी रिपोर्टिंग करने के लिए जिन भरोसेमंद पत्रकारों पर निर्भर है उनमें से तीन ने बताया है कि अब वो अपना परिवार का पेट भरने में असमर्थ हैं. कई बार तो इन्हें दो दिन या उससे ज्यादा समय तक बिना कुछ खाए रहना पड़ता है
चाहे उनके क़रीबी रिश्तेदार मारे गए हों, उनके घर तबाह हो गए हों या फिर इसराइली सैन्य कार्रवाई से बचने के लिए परिवार के साथ भागना पड़ा, इन पत्रकारों ने अपना काम नहीं छोड़ा.
इनमें से एक पत्रकार इससे पहले एक रिपोर्टिंग असाइनमेंट के दौरान इसराइली बमबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए
कहा जा रहा है कि ग़ज़ा में ग़ज़ा ह्यूमनटेरियन फ़ाउंडेशन (जीएचएफ़) की ओर से बांटा जा रहा खाना बहुत कम लोगों तक पहुंच पा रहा है. इससे वहां भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है.संयुक्त राष्ट्र समेत कई मदद एजेंसियों का कहना है कि जीएचएफ़ का खाना बांटने का तरीका सही नहीं है.
उनका आरोप है कि जो लोग जीएचएफ़ के भोजन वितरण केंद्र पर मदद लेने के लिए आ रहे हैं उन पर इसराइली सुरक्षा बल गोलियां चला रहे हैं.
लेकिन इसराइल का कहना है कि हमास यहां से खाना और दूसरी मदद सामग्रियां लूट कर उन्हें ऊंचे दाम पर बेच रहा है और इसराइल को बदनाम कर रहा है.
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक़ एक सौ से अधिक सहायता संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने बुधवार को कहा कि ग़ज़ा में बड़े पैमाने पर भुखमरी फैल रही है.
दुनिया को भुखमरी दिखाने वाले पत्रकार खुद भूख से जूझ रहे 
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि वहां भुखमरी तेजी से फैल रही है. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये भुखमरी ‘मानवजनित’ है.
अंतरराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस स्थिति के लिए इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया है. क्योंकि वो फ़लस्तीनी इलाके में जाने वाली सप्लाई को नियंत्रित करता है.
जिन पत्रकारों ने कहा है कि उनका परिवार भुखमरी का सामना कर रहा है, बीबीसी ने उनकी पहचान न बताने पर सहमति जताई है. ऐसा इसलिए किया गया है कि ताकि वो सुरक्षित रह सकें.
इन पत्रकारों ने बताया कि उनके लिए सबसे दुख की बात ये है कि वो अपने छोटे और सबसे असहाय बच्चों के लिए भोजन भी नहीं जुटा पा रहे हैं.बीबीसी के लिए ग़ज़ा सिटी में काम करने वाले एक कैमरामैन चार बच्चों के पिता हैं.
उन्होंने कहा “मेरा बेटा ऑटिज़्म से जूझ रहा है. उसे पता ही नहीं कि उसके आसपास क्या हो रहा है. वह बोलता नहीं है और उसे यह भी नहीं मालूम कि हम युद्ध में फंसे हैं.”उन्होंने कहा “हाल के दिनों में वह इतना भूखा हो गया है कि वह अपना पेट थपथपाकर हमें संकेत देता है कि उसे खाना चाहिए.”
दक्षिणी ग़ज़ा में बीबीसी के सबसे युवा सहयोगी अपने माता-पिता और भाई-बहनों के लिए एकमात्र कमाने वाले सदस्य हैं.
वो कहते हैं, “मैं लगातार इस चिंता में रहता हूं कि अपने परिवार के लिए खाना कहां से लाऊं. मेरी 13 साल की छोटी बहन बार-बार खाना और पानी मांगती है, लेकिन हम उसके लिए कुछ नहीं ला सकते. जो पानी मिलता है वो भी दूषित होता है.”बीबीसी न्यूज़ और समाचार एजेंसी एएफपी, एपी और रॉयटर्स ने इसराइली अधिकारियों से पत्रकारों को ग़ज़ा में प्रवेश और बाहर जाने की अनुमति देने की मांग की है.
बीबीसी ने अन्य मीडिया संगठनों के साथ एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि वह ग़ज़ा में काम कर रहे फ्रीलांस पत्रकारों की हालत को लेकर ‘गंभीर रूप से चिंतित’ है
बयान में कहा गया, “पिछले कई महीनों से, ये स्वतंत्र पत्रकार ही दुनिया की आंखें और कान बने हुए हैं. ग़ज़ा की ज़मीनी हक़ीक़त दिखा रहे हैं. लेकिन अब वे उन्हीं कठिन हालात का सामना कर रहे हैं, जिनकी वो रिपोर्टिंग कर रहे हैं.”
‘ग़ज़ा में लोग चलती-फिरती लाश बन गए हैं’
संयुक्त राष्ट्र की फ़लस्तीनी शरणार्थी एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) ने कहा है कि ग़ज़ा सिटी में हर पांच में से एक बच्चा कुपोषण का शिकार है और मामलों की संख्या हर दिन बढ़ रही है.
गुरुवार को जारी एक बयान में यूएनआरडब्ल्यूए के कमिश्नर-जनरल फिलिप लाज़ारिनी ने अपने एक सहयोगी का हवाला देते हुए कहा, गज़ा के लोग न ज़िंदा हैं, न मरे हुए. वे चलती-फिरती लाशों की तरह हैं.”
एक से अधिक अंतरराष्ट्रीय राहत संगठनों और मानवाधिकार समूहों ने भी बड़े पैमाने पर भुखमरी की चेतावनी दी है और सरकारों से तत्काल कार्रवाई की अपील की है.
गज़ा में सभी सप्लाई की एंट्री को नियंत्रित करने वाले इसराइल का कहना है कि वहां कोई घेराबंदी नहीं है . ग़ज़ा में कुपोषण के मामलों के लिए वह हमास को ज़िम्मेदार ठहराता है.संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के मुताबिक़, पिछले दो महीनों में भोजन हासिल करने की कोशिश कर रहे एक हजार से अधिक फ़लस्तीनी, इसराइली हमलों में मारे जा चुके हैं.
इनमें से कम से कम 766 लोगों की मौत उन चार वितरण केंद्रों के आसपास हुई है, जिन्हें जीएचफ़ संचालित करता है.
इसके अलावा 288 लोगों की मौत संयुक्त राष्ट्र और अन्य सहायता केंद्रों के पास हुई है.जीएचएफ़ का आरोप है कि संयुक्त राष्ट्र ग़ज़ा के हमास-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के “झूठे” आंकड़ों का इस्तेमाल कर रहा है(courtsy :BBC Hindi)

RELATED POSTS

राहुल क्या हिंदुत्व के समानांतर कांग्रेस की नई विचारधारा खड़ी कर पाएंगे?

महाराष्ट्र भाषा विवादः हिंदुत्ववादी राजनीति का हथियार है हिंदी

फिलीस्तीन पर अवसरवाद  :-मनोज झा

Tags: Gaza،People،corpses،israelgeniusideHamasinternation communitymasscareUN
ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

विचार

राहुल क्या हिंदुत्व के समानांतर कांग्रेस की नई विचारधारा खड़ी कर पाएंगे?

July 25, 2025
Uncategorized

महाराष्ट्र भाषा विवादः हिंदुत्ववादी राजनीति का हथियार है हिंदी

July 14, 2025
विचार

फिलीस्तीन पर अवसरवाद  :-मनोज झा

June 30, 2025
विचार

अहमदाबाद: एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो कर, दो टुकड़ों में टूटा,242 यात्रियों में53 ब्रिटिश,

June 12, 2025
विचार

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

May 15, 2025
विचार

गजा और शान्ति:अमेरिका की दोहरी नीति, दोहरा चरित्र

May 12, 2025
Next Post

गाज़ा में हो रहे नरसंहार और भुखमरी पर SDPI ने की त्वरित कार्रवाई की मांग

इजरायल की ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई को मारने की फिर धमकी, कहा,उन तक हमारी पहुंच

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

मुबारक हो, जे पी नड्डा ने फ़ैसला लिया है! नड्डा ने फ़ैसला लिया है!

मुबारक हो, जे पी नड्डा ने फ़ैसला लिया है! नड्डा ने फ़ैसला लिया है!

July 1, 2022

जामिया हिंसा मामले में बरी करते हुए कोर्ट ने शरजील इमाम को ‘बलि का बकरा’ बताया

February 5, 2023

बाबर आजम क्रिकेट दुनिया के बेताज बादशाह , एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड रिकॉर्ड तोड़ा

January 11, 2023

Popular Stories

  • दिल्ली में 1396 कॉलोनियां हैं अवैध, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • सीएए विरोधी प्रदर्शनों में जेल में बंद  शरजील इमाम  का बिहार चुनाव लड़ने का फैसला
  • ग़ज़ा में नरसंहार पर पीएम की ‘शर्मनाक चुप्पी, मानवता के खिलाफ अपमान,अत्याचारों के खिलाफ बोलें: सोनिया
  • असम सरकार ने गोलाघाट में 2,000 से अधिक बंगाली मुस्लिम परिवारों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान शुरू किया!:report

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi