Roznama Khabrein
No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
اردو
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو
No Result
View All Result
No Result
View All Result
Home विचार

ईस्ट इंडिया कंपनी भले खत्म हो गई, उसका डर फिर से दिखने लगा!

RK News by RK News
November 6, 2024
Reading Time: 1 min read
0

••लेखक: राहुल गांधी*
ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत की आवाज़ कुचल दी थी। यह आवाज़ अपनी व्यापारिक शक्ति से नहीं, बल्कि अपने शिकंजे से कुचली थी। कंपनी ने हमारे राजा-महाराजाओं और नवाबों की साझेदारी से, उन्हें रिश्वत देकर और धमका कर भारत पर शासन किया था। उसने हमारी बैंकिंग, नौकरशाही और सूचना नेटवर्क को नियंत्रित कर लिया था। हमने अपनी आज़ादी किसी दूसरे देश के हाथों नहीं गंवाई, हमने इसे एक एकाधिकारवादी निगम के हाथों खो दिया, जो हमारे देश में दमन तंत्र को चलाता था। कंपनी ने प्रतिस्पर्धा ख़त्म कर दी। वही यह तय करने लगी कि कौन क्या और किसे बेच सकता है।
कंपनी ने हमारे कपड़ा उद्योग और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को भी नष्ट कर दिया था। मैंने कभी नहीं सुना कि कंपनी द्वारा कभी कोई अनुसंधान किया गया। मुझे बस इतना पता है कि कंपनी ने एक क्षेत्र में अफीम की खेती पर एकाधिकार हासिल कर लिया था और दूसरे में नशा करने वालों का एक बाजार विकसित कर लिया था। जब कंपनी भारत को लूट रही थी, तब उसे ब्रिटेन में एक आदर्श कारपोरेट निकाय के रूप में दर्शाया जा रहा था।
ईस्ट इंडिया कंपनी भले ही 150 साल पहले ख़त्म हो गई हो, लेकिन उसने जो डर पैदा किया था, वह आज फिर से दिखाई देने लगा है। एकाधिकारवादियों की एक नई पीढ़ी ने इसकी जगह ले ली है। परिणामस्वरूप जहां भारत में हर किसी के लिए असमानता और अन्याय बढ़ता जा रहा है, वहीं यह वर्ग अकूत धन एकत्रित करने में लगा है। हमारी संस्थाएं अब हमारे लोगों की नहीं रहीं। वे एकाधिकारवादियों के आदेश मानती हैं। आज लाखों व्यवसाय तबाह हो गए हैं और भारत युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने में असमर्थ है। भारत माता अपने सभी बच्चों की मां है। उसके संसाधनों और शक्ति पर कुछ चुनिंदा लोगों के एकाधिकार और बहुजनों की उपेक्षा ने गहरी चोट पहुंचाई है।
मैं जानता हूं कि भारत के सर्वाधिक प्रतिभाशाली और अग्रणी व्यवसायी एकाधिकारवादियों से डरते हैं। क्या आप उनमें से एक हैं, जो फोन पर बात करने से डरते हैं? क्या आप आयकर, सीबीआई या ईडी के छापों का सामना करने से डरते हैं कि वे आपको अपना व्यवसाय बेचने के लिए मजबूर करेंगे? क्या आपको डर है कि जब आपको सबसे अधिक ज़रूरत हो, तब वे आपको पाई-पाई का मोहताज कर देंगे या वे आपको फंसाने के लिए अनायास ही नियम बदल देंगे? इन पारिवारिक समूहों को ‘व्यवसाय’ की संज्ञा देना ग़लत है। उनके साथ प्रतिस्पर्धा करना किसी कंपनी के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं है। उनकी मूल क्षमता उत्पादों, उपभोक्ताओं या विचारों में नहीं, बल्कि भारत की शासकीय संस्थाओं, नियामकों और निगरानी पर नियंत्रण रखने की है। ये नियंत्रित करते हैं कि भारतीय क्या पढ़ते, देखते, सोचते और कहते हैं। आज सफलता का निर्धारण बाजार में प्रदर्शन पर नहीं, बल्कि सत्ता से संबंधों पर निर्धारित है। आपके दिलों में डर है, लेकिन उम्मीद भी कायम है।
‘मैच-फिक्सिंग’ करने वाले एकाधिकार समूहों के विपरीत छोटे व्यवसायों से लेकर दिग्गज कंपनियों तक कई अद्भुत और ईमानदार भारतीय व्यवसाय हैं, लेकिन आप चुप हैं और एक दमनकारी व्यवस्था को सहन कर रहे हैं।
पीयूष बंसल ने महज 22 साल की उम्र में व्यवसाय शुरू किया। वह 2010 में लेंसकार्ट की स्थापना से जुड़े, जिसने आईवियर सेक्टर को भारत में नया आकार दिया, जो आज हजारों लोगों को रोजगार देता है। हमारे सामने फकीर चंद कोहली की भी मिसाल है, जिन्होंने एक प्रबंधक के रूप में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस की बुनियाद रखी। यह डर पर महत्वाकांक्षा की जीत थी और आइबीएम एवं एक्सेंचर जैसी दिग्गजों को उनके अपने क्षेत्र में चुनौती देने का साहस था। मैं पीयूष बंसल या दिवंगत एफसी कोहली को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता। उनकी राजनीतिक प्राथमिकताएं मेरी पसंद से अलग हो सकती हैं, लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है?युवा पीढ़ी से टाइनोर, इनमोबी, मान्यवर, जोमैटो, फ्रैक्टल एनालिटिक्स, अराकू काफी, ट्रेडेंस, अमागी, आईडी फूड्स, फोनपे, मोग्लिक्स, सुला वाइन, जसपे, जीरोधा, वेरिटास, आक्सीजो और एवेंडस जैसी कंपनियां और पुरानी पीढ़ी से एलएंडटी, हल्दीराम, अरविंद आई हास्पिटल, इंडिगो, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी समूह, बजाज आटो और बजाज फाइनेंस, सिप्ला, महिंद्रा आटो एवं टाइटन आदि ऐसी घरेलू कंपनियों के उदाहरण हैं, जिन्होंने अनुसंधान किया और नियमों के अनुसार काम करना चुना। मुझे यकीन है कि मैंने सैकड़ों और कंपनियों को छोड़ दिया है, जो इन मापदंडों पर उपयुक्त बैठती हैं, लेकिन आप बात समझ गए होंगे।
मेरी राजनीति हमेशा कमजोर और बेजुबान लोगों की हिफाजत की रही है। कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति की रक्षा के बारे में महात्मा गांधी के शब्द ही मेरी प्रेरणा हैं। मुझे मनरेगा एवं भोजन के अधिकार का समर्थन करने और भूमि अधिग्रहण विधेयक का विरोध करने की प्रेरणा इसी से मिली। मैं आदिवासियों के मशहूर नियमगिरि के संघर्ष में उनके साथ खड़ा था। मैंने तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के संघर्ष में उनका समर्थन किया। मैंने मणिपुर के लोगों के दिल का दर्द सुना। व्यापार की जिस पंक्ति में आप खड़े हैं, उसमें आप ही शोषित, वंचित हैं और इसलिए मेरी राजनीति का लक्ष्य अब आपको वह सब दिलाना है, जिससे आपको वंचित किया गया है यानी निष्पक्षता एवं समान अवसर दिलाना।
सरकार को दूसरों की कीमत पर बस एक व्यवसाय का समर्थन करने की अनुमति कतई नहीं दी जा सकती। सरकारी एजेंसियां व्यापार पर हमला करने और डराने-धमकाने का हथियार नहीं हैं। मेरा मतलब यह नहीं कि जो डर और दबाव आप पर बनाया गया है, वह बड़े पूंजीपतियों पर ट्रांसफर किया जाए। वे बुरे लोग नहीं हैं। उन्हें भी जगह मिलनी चाहिए जैसे आपको भी। यह देश हम सभी के लिए है। हमारे बैंकों को सबसे बड़े 100 प्रभावशाली कर्जदारों और उनके एनपीए के प्रति अपने मोह को छोड़कर लाभदायक कर्ज देने और निष्पक्ष व्यापार को समर्थन देने वाले तौर-तरीकों की खोज करनी चाहिए। हमें राजनीतिक व्यवहार को आकार देने में सामाजिक दबाव और प्रतिरोध की शक्ति को कम नहीं आंकना चाहिए। मसीहाओं की कोई आवश्यकता नहीं है। आप खुद वह बदलाव हैं, जो सभी के लिए धन और रोजगार पैदा करेंगे। मेरा मानना है कि प्रगतिशील भारतीय व्यापार के लिए न्यू डील एक ऐसा सोच है, जिसका समय आ गया है।
*लेखक लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं।

RELATED POSTS

ग़ज़ा में लोग चलती-फिरती लाशें बन गए हैं’, पत्रकारों की आपबीती

राहुल क्या हिंदुत्व के समानांतर कांग्रेस की नई विचारधारा खड़ी कर पाएंगे?

महाराष्ट्र भाषा विवादः हिंदुत्ववादी राजनीति का हथियार है हिंदी

Tags: companyEast indiaRahul Gandhi
ShareTweetSend
RK News

RK News

Related Posts

विचार

ग़ज़ा में लोग चलती-फिरती लाशें बन गए हैं’, पत्रकारों की आपबीती

July 27, 2025
विचार

राहुल क्या हिंदुत्व के समानांतर कांग्रेस की नई विचारधारा खड़ी कर पाएंगे?

July 25, 2025
Uncategorized

महाराष्ट्र भाषा विवादः हिंदुत्ववादी राजनीति का हथियार है हिंदी

July 14, 2025
विचार

फिलीस्तीन पर अवसरवाद  :-मनोज झा

June 30, 2025
विचार

अहमदाबाद: एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो कर, दो टुकड़ों में टूटा,242 यात्रियों में53 ब्रिटिश,

June 12, 2025
विचार

Waqf पर सुनवाई:केंद्र ने कहा- वक्फ अधिनियम के प्रमुख प्रावधान जारी रहेंगे, सुप्रीम कोर्ट  अब 20 मई को मामले की सुनवाई करेगा

May 15, 2025
Next Post

मुस्लिम वोटो की चिंता, अखिलेश को भुला दिये गएआजम खान की याद आई,चले रामपुर

दिल्ली वक्फ मामले में अमानतुल्ला खान की जमानत ने मोदी के ‘झूठे मामले’ को बेनकाब किया: आप

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended Stories

बिहार में 24 ठिकानों पर CBI रेड, RJD के 4 नेता रडार पर

बिहार में 24 ठिकानों पर CBI रेड, RJD के 4 नेता रडार पर

August 24, 2022

सीपीआई(एम) राष्ट्रीय सम्मेलन ने इजरायल को ‘रंगभेदी राज्य’ घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया

April 5, 2025
जब वाजपेयी ने पाकिस्तान के खिलाफ  दिलीप कुमार की मदद ली थी

जब वाजपेयी ने पाकिस्तान के खिलाफ  दिलीप कुमार की मदद ली थी

July 7, 2021

Popular Stories

  • दिल्ली में 1396 कॉलोनियां हैं अवैध, देखें इनमें आपका इलाका भी तो नहीं शामिल ?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • मेवात के नूह में तनाव, 3 दिन इंटरनेट सेवा बंद, 600 परFIR

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • कौन हैं जामिया मिलिया इस्लामिया के नए चांसलर डॉक्टर सैय्यदना सैफुद्दीन?

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • NCERT Recruitment 2023 में नौकरी पाने का जबरदस्त मौका, कल से शुरू होगा आवेदन, जानें तमाम डिटेल

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • पकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में महिला यूट्यूबर ज्योति गिरफ्तार, पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • नूपुर को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- बयान के लिए टीवी पर पूरे देश से माफी मांगे

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
Roznama Khabrein

The Roznama Khabrein advocates rule of law, human rights, minority rights, national interests, press freedom, and transparency on which the newspaper and newsportal has never compromised and will never compromise whatever the costs.

More... »

Recent Posts

  • ग़ज़ा में नरसंहार पर पीएम की ‘शर्मनाक चुप्पी, मानवता के खिलाफ अपमान,अत्याचारों के खिलाफ बोलें: सोनिया
  • असम सरकार ने गोलाघाट में 2,000 से अधिक बंगाली मुस्लिम परिवारों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान शुरू किया!:report
  • प्रवासी मजदूर बंगाल लौट आएं, ममता की अपील कहा, सुरक्षा और रोटी देंगे, भाजपा पर देश बांटने का इल्ज़ाम

Categories

  • Uncategorized
  • अन्य
  • एजुकेशन
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • विचार
  • समाचार
  • हेट क्राइम

Quick Links

  • About Us
  • Support Us
  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Grievance
  • Contact Us

© 2021 Roznama Khabrein Hindi

No Result
View All Result
  • होम
  • समाचार
  • देश-विदेश
  • पड़ताल
  • एजुकेशन
  • विचार
  • हेट क्राइम
  • अन्य
  • रोजनामा खबरें विशेष
  • اردو

© 2021 Roznama Khabrein Hindi