गौरव पांडेय
ऐसा लग रहा है कि इस बार इजरायल अपनी आखिरी लड़ाई लड़ रहा है. गाजा में युद्ध के बाद अब वह वेस्ट बैंक में एक बड़े प्लान की तैयारी कर रहा है. अगर उसका प्लान सफल रहा तो फिलिस्तीन के भविष्य का सपना चूर हो जाएगा. इजरायल के मोसाद प्रमुख डेविड बारनेआ ने हाल ही में कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से दोहा में मुलाकात की.यह बैठक गाजा में बंधकों की रिहाई को लेकर हुई लेकिन एक वरिष्ठ इजरायली अधिकारी के मुताबिक 50 बंधकों की चरणबद्ध रिहाई का प्रस्ताव अब खत्म कर दिया गया’इसके मायने काफी गहरे हैंअसल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले ही साफ कर चुके हैं कि अब इजरायल की प्राथमिकता सभी बंधकों को एक साथ छुड़ाने और युद्ध को अपने शर्तों पर खत्म करने की है. बैठक ऐसे समय में हुई जब हमास का एक प्रतिनिधिमंडल भी कतर पहुंचा है ताकि बातचीत को फिर से जिंदा किया जा सके और इजरायल के गाजा पर और बड़े हमले को रोका जा सके. इजरायल ने हमास को चेतावनी दी है कि अगर बंधकों की रिहाई पर ठोस प्रगति नहीं हुई तो गाजा पर कब्जा करने की योजना पर अमल किया जाएगा.
उधर मिस्र अभी भी एक अस्थायी युद्धविराम के लिए दोनों पक्षों को बातचीत की मेज पर लाने की कोशिश कर रहा है जिसमें मानवीय सहायता को बिना शर्त गाजा पहुंचाने और कुछ बंधकों व फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली शामिल है. इस बीच इजरायल के एक्सट्रीम दक्षिणपंथी वित्त मंत्री बेजालेल स्मोट्रिच ने वेस्ट बैंक के पूर्वी येरुशलम के पास स्थित E1 इलाके में नए यहूदी बस्तियों के निर्माण को मंजूरी देने का ऐलान किया है. यह योजना दो दशकों से विवाद में रही है. क्योंकि इसके पूरा होने पर रामल्ला और बेथलहम के बीच सीधी सड़क टूट जाएगी और फिलिस्तीनियों को लंबा चक्कर लगाकर कई चेकपॉइंट पार करने होंगे. स्मोट्रिच ने दावा किया कि यह निर्माण फिलिस्तीनी राज्य के सपने को खत्म कर देगा और जो देश सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले हैं उन्हें जमीन पर जवाब मिलेगा.
**मकसद वेस्ट बैंक को दो हिस्सों में बांटना
E1 प्रोजेक्ट को 20 अगस्त को अंतिम मंजूरी मिलने की उम्मीद है. शांति समर्थक संगठन समेत कई मानवाधिकार समूहों ने इसका विरोध किया है, लेकिन सभी आपत्तियां खारिज कर दी गईं. फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय के राजनीतिक सलाहकार अहमद अल-दीक ने इसे औपनिवेशिक विस्तारवादी और नस्लवादी कदम बताया जिसका मकसद वेस्ट बैंक को दो हिस्सों में बांटना और दक्षिण को केंद्र व उत्तर से अलग करना है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए रोकने की मांग की.
**फिलिस्तीनी राज्य बनाने की संभावनाएं खत्म?
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक E1 क्षेत्र में निर्माण होने से वेस्ट बैंक दो हिस्सों में कट जाएगा और एक स्वतंत्र जुड़ा हुआ फिलिस्तीनी राज्य बनाने की संभावनाएं लगभग खत्म हो जाएंगी. अंतरराष्ट्रीय समुदाय पहले से ही वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशलम में इजरायली बस्तियों को अवैध मानता है और इसे शांति प्रक्रिया में सबसे बड़ी बाधा बताता है. वर्तमान में वेस्ट बैंक और पूर्वी येरुशलम में 7 लाख से ज्यादा इजरायली बस चुके हैं. जबकि फिलिस्तीन इन क्षेत्रों को अपने भावी स्वतंत्र देश का हिस्सा मानता है.आभार:जीन्यूज