राहत कार्यों का जायज़ा, प्रभावितों से मुलाक़ात, जम्मू के लिए राहत सामग्री रवाना — अध्यक्ष जमीयत मौलाना महमूद मदनी का पैग़ाम: “हम हर क़दम पर प्रभावित भाइयों के साथ खड़े हैं”। पंजाब वासियों ने जमीयत का आभार व्यक्त किया।*
नई दिल्ली, 12 सितंबर:जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना मोहम्मद हकीमुद्दीन क़ासमी की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय वफ़द ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित ज़िलों फिरोज़पुर और तरनतारण का दौरा किया। वफ़द ने जमीयत राहत केंद्रों की गतिविधियों का विस्तृत जायज़ा लिया और प्रभावित परिवारों से सीधी मुलाक़ात की।
फिरोज़पुर में जमीयत उलेमा पलवल की ओर से चलाए जा रहे लंगर में रोज़ाना लगभग चार हज़ार लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इस बीच जम्मू के किश्तवाड़ आदि क्षेत्रों में भी राहत कार्यों को तेज़ी से अंजाम दिया जा रहा है।
अध्यक्ष जमीयत मौलाना महमूद मदनी ने बाढ़ त्रासदी के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मेवात के ज़िम्मेदारों को विशेष निर्देश दिया था कि वे पंजाब और जम्मू के प्रभावित भाइयों की हर संभव सहायता करें। इस आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए जमीयत की विभिन्न इकाइयाँ राहत कार्यों में पूरी सक्रियता के साथ लगी हुई हैं। इस समय लुधियाना, फिरोज़पुर और मालेरकोटला में बाक़ायदा राहत केंद्र कार्यरत हैं। जमीयत यूथ क्लब के लगभग 80 युवा लगातार सेवा और सर्वेक्षण में लगे हुए हैं।
वफ़द ने लुधियाना में हाजी मोहम्मद नौशाद (नायब सदर जमीयत लुधियाना) के गोदाम का दौरा किया। यह गोदाम जमीयत का केंद्रीय राहत केंद्र है, जिसकी देखरेख मुफ़्ती सलीम, मुफ़्ती आरिफ़ लुधियानवी, हाजी फ़ुरक़ान और हाजी नौशाद कर रहे हैं। इस सेवा कार्य में स्थानीय ज़िम्मेदार सरपंच करमजीत सिंह (ख़ांसी कलां), सरपंच अजीत सिंह (ख़ांसी ख़ुर्द) और बलदेव सिंह (काका गांव) व उनकी टीम सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है।
बाद में वफ़द नावों के माध्यम से फिरोज़पुर के प्रभावित क्षेत्रों में पहुँचा। वहाँ स्थानीय नागरिकों, विशेषकर सिख भाइयों ने जमीयत की सेवाओं को सराहा और कहा कि “इससे पहले भी आपदाएँ आईं, लेकिन इस बार हमारे मुस्लिम भाइयों ने जिस तरह से इंसानियत और सहयोग का परिचय दिया है, उसे हम कभी नहीं भूल पाएँगे।” उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि अब राशन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, इसलिए हमें डीज़ल, खाद और बीज उपलब्ध कराए जाएँ ताकि बर्बाद हुई फ़सलों को दोबारा उगाया जा सके।
इसी क्रम में क़ारी मोहम्मद ज़ाकिर की क़ियादत में जमीयत मुज़फ़्फ़रनगर का एक वफ़द पाँच ट्रक राहत सामग्री और दस लाख रुपये नक़द लेकर पंजाब पहुँचा। दूसरी ओर जम्मू के विभिन्न क्षेत्रों में भीषण बाढ़ से लगभग 500 मकानों के तबाह होने का अनुमान है। इन प्रभावितों के लिए चार ट्रक राहत सामग्री, एक बड़ा कंटेनर और 1250 लोहे की चारपाइयाँ रवाना की गईं।
इस अवसर पर मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी ने कहा:”इस्लाम हमें इंसानी रिश्तों को मज़बूत करने और सेवा भाव से काम करने की शिक्षा देता है। हमारी सेवा तब तक जारी रहेगी जब तक कि प्रभावित परिवार अपने पैरों पर खड़े न हो जाएँ।”
उन्होंने बताया कि गुजरात के पालनपुर से आए साथियों ने 1250 लोहे की चारपाइयाँ तैयार की हैं। वर्तमान समय में राशन पर्याप्त है, इसलिए अतिरिक्त भेजने की आवश्यकता नहीं है। पानी उतरने के बाद मकानों की मरम्मत और पुनर्वास की नई ज़रूरतें सामने आएँगी, जिन्हें इंशा अल्लाह प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा।
जमीयत हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के महासचिव मौलाना याहया करीमी, जमीयत मेवात के सदर क़ारी मोहम्मद असलम, मास्टर क़ासिम महों आदि की कोशिशों से पूरा मेवात प्रभावितों की सहायता में अग्रसर हो गया, जो अत्यंत सराहनीय है। इसी तरह जमीयत मथुरा, जमीयत बुलंदशहर और अन्य इकाइयों ने भी राहत सामग्री भेजी है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के केंद्रीय वफ़द में शामिल थे:
मौलाना मोहम्मद हकीमुद्दीन क़ासमी (महासचिव), अतीकुर्रहमान क़ुरैशी (सचिव जमीयत गुजरात), मौलाना अबुल हसन पालनपुरी (आर्गेनाइज़र), मुफ़्ती सलीम साकर्स (महासचिव जमीयत मेवात), मौलाना हिफ़ज़ुर्रहमान थोर, हाजी नौशाद, मुफ़्ती मोहम्मद आरिफ़ लुधियानवी, हाजी फ़ुरक़ान, क़ारी मोहम्मद ज़ाकिर (मुज़फ़्फ़रनगर), हाजी मुख़्तार, हाजी अशरफ़, मास्टर नूरुलबशर, मास्टर तनवीर, मास्टर सालेहिन, मास्टर फ़र्ज़ान, मास्टर सिकंदर और मौलाना अकबर (राजस्थान) (प्रेस रिलीज)